घुटा घुटा सा आसमान लगता है
सूरज का कहीं निशान नहीं
हवा भी जैसे गुमसुम सी है
और बारिश का कोई आसार नहीं
कहने को बहुत है लेकिन
मन आज थोड़ा उदास है
थकी थकी सी आंखें हैं और
यादों में उलझा दिमाग है
और ऐसे में जब, अचानक एक नन्ही सी जान
फुदक फुदक के सामने आ जाती है
और दुनिया भर का प्यार जूटा कर
वोह जब मुझे गले लगाती है
मन पिघल जाता है और उदासी थम जाती है
उसकी चटपटी बातें सुन कर
चेहरे पर हंसी आ जाती है
सूरज भी छुप नहीं पाता
और हवा भी फरफराती है
दूर से देख ककर जब वोह भागी चली आती है
दिल में ख़ुशी से बारिश हो जाती है
आँखों में एक नयी उम्मीद वापिस आ जाती है
आसमान भी खिल उठता है और
एक अन कही सी कमी पूरी हो जाती है